जन सुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर ने शनिवार को मुजफ्फरपुर के जारंग हाईस्कूल में आयोजित ‘बिहार बदलाव सभा’ में जनता को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि वे वोट नहीं मांगने आए हैं, बल्कि बिहार की जनता को यह याद दिलाने आए हैं कि किस तरह वर्षों से राजनीतिक दल उन्हें ठगते आ रहे हैं।
“बच्चों की शिक्षा और भविष्य को देखकर करें मतदान”
प्रशांत किशोर ने मंच से स्पष्ट किया कि बिहार अब बदलाव की दिशा में बढ़ रहा है। उन्होंने कहा,
“2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव में जाति, धर्म या भावनाओं के आधार पर नहीं, बल्कि अपने बच्चों की पढ़ाई और रोजगार को ध्यान में रखते हुए वोट दें। यही असली देशभक्ति और बच्चों की सच्ची चिंता होगी।”
लालू यादव और राजद पर जमकर निशाना

राजद और अन्य सत्ताधारी दलों को आड़े हाथों लेते हुए किशोर ने कहा कि अब तक जिन भी पार्टियों ने शासन किया, उन्होंने केवल वादे किए लेकिन विकास की कोई ठोस दिशा नहीं दी।
उन्होंने कहा:
“आज हर गांव से हर दसवां व्यक्ति मजदूरी करने बिहार से बाहर गया है ताकि वह अपने परिवार के लिए दो वक्त की रोटी जुटा सके।”
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव पर निशाना साधते हुए प्रशांत किशोर ने कहा:
“राजद प्रमुख अपने 9वीं पास बेटे को बिहार का राजा बनाना चाहते हैं, जबकि आम बिहारियों के मैट्रिक और एमए पास बेटे-बेटियों को नौकरी तक नहीं मिल रही है।”
“कोई नेता आपके बच्चों की चिंता नहीं करेगा”
प्रशांत किशोर ने जनता को चेताते हुए कहा कि यदि आप अपने बच्चों की चिंता नहीं करेंगे, तो कोई और नहीं करेगा।
उन्होंने कहा:
“मैं पिछले तीन सालों से बिहार के गांव-गांव घूम रहा हूं। वहां के बच्चों के पास पहनने के लिए ठीक कपड़े तक नहीं हैं। ये हालात हमें चेतावनी देते हैं कि अब वक्त आ गया है सही फैसले लेने का।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि बिहार के लोगों को नेताओं की बजाय अपने बच्चों की चिंता करनी चाहिए और अगला वोट सोच-समझकर देना चाहिए।
प्रशांत किशोर का यह बयान साफ संकेत देता है कि 2025 का विधानसभा चुनाव बिहार की राजनीति के लिए निर्णायक साबित हो सकता है। उनका फोकस पारंपरिक राजनीति से हटकर आम जनता के असली मुद्दों—शिक्षा, रोजगार और पलायन—की ओर है।