बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक और बड़ी घोषणा करते हुए राज्य के सफाई कर्मचारियों को एक नई सौगात दी है। राज्य सरकार ने बिहार राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के गठन की प्रक्रिया शुरू कर दी है, जिसका उद्देश्य सफाई कर्मियों के कल्याण, अधिकारों और समस्याओं को लेकर व्यापक समाधान सुनिश्चित करना है।
मुख्यमंत्री ने खुद सोशल मीडिया के जरिए दी जानकारी
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रविवार सुबह अपने एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट पर पोस्ट करते हुए इस फैसले की जानकारी साझा की। उन्होंने लिखा,
“मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि बिहार में सफाई कर्मचारियों के अधिकारों और हितों की रक्षा, कल्याण, सामाजिक उत्थान, शिकायतों के निवारण और सरकारी योजनाओं की निगरानी हेतु बिहार राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के गठन का निर्देश दिया गया है।”
मुझे यह बताते हुए प्रसन्नता हो रही है कि बिहार राज्य में सफाई कर्मचारियों के अधिकारों एवं हितों की सुरक्षा, कल्याण, पुनर्वास, सामाजिक उत्थान, शिकायतों के निवारण तथा विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की निगरानी सुनिश्चित करने के लिए मैंने बिहार राज्य सफाई कर्मचारी आयोग के गठन का विभाग को…
— Nitish Kumar (@NitishKumar) July 27, 2025
आयोग क्या करेगा? जानिए इसके कार्य और जिम्मेदारियां
मुख्यमंत्री के मुताबिक, यह आयोग सफाई कर्मियों से जुड़ी समस्याओं और कल्याणकारी योजनाओं की समीक्षा करेगा तथा आवश्यक सुझाव सरकार को देगा। साथ ही इन योजनाओं के क्रियान्वयन में सहयोग करते हुए सफाई कर्मियों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का काम करेगा।
आयोग में होंगे सात सदस्य, महिला/ट्रांसजेंडर को भी प्रतिनिधित्व
सीएम नीतीश ने यह भी स्पष्ट किया कि आयोग में एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और पांच सदस्य होंगे, जिनमें कम से कम एक सदस्य महिला या ट्रांसजेंडर समुदाय से होगा। यह समावेशी संरचना सफाई कार्यों में लगे समाज के वंचित तबके को मुख्यधारा से जोड़ने की दिशा में एक अहम कदम मानी जा रही है।
पत्रकारों के लिए भी कर चुके हैं अहम घोषणा
बता दें कि इससे पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य के पत्रकारों के लिए भी एक बड़ा ऐलान किया था। उन्होंने पत्रकारों की पेंशन राशि को 6 हजार से बढ़ाकर 15 हजार रुपये प्रति माह करने का निर्देश दिया था। इसके अलावा, किसी पत्रकार की मृत्यु के बाद उनके आश्रित पति या पत्नी को मिलने वाली पेंशन राशि भी 3 हजार से बढ़ाकर 10 हजार रुपये कर दी गई है।
सामाजिक न्याय और कल्याण की ओर एक और मजबूत कदम
मुख्यमंत्री की यह पहल बिहार में सामाजिक न्याय, समावेश और कल्याणकारी दृष्टिकोण की ओर एक बड़ा संकेत है। खासकर उन वर्गों के लिए, जो लंबे समय से उपेक्षा का शिकार रहे हैं, अब सरकार की योजनाओं से उन्हें वास्तविक लाभ मिल सकता है।