बिहार के छपरा-बलिया रेलखंड पर स्थित मांझी रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की सुविधा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। यह स्टेशन जहां रोजाना एक हजार से अधिक यात्रियों का आना-जाना होता है, वहीं यहां टिकट न मिलने की समस्या यात्रियों को भारी परेशानी में डाल रही है। रेलवे ने इस स्टेशन का उद्घाटन तो जनवरी 2023 में ही कर दिया, लेकिन टिकट काउंटर अब तक बिना संचालन के पड़ा है।
मांझी स्टेशन पर यात्रियों की परेशानी, ‘टिकट’ बना बड़ी चुनौती
मांझी स्टेशन पर रोजाना कई पैसेंजर और मेल-एक्सप्रेस ट्रेनें रुकती हैं, जिससे यह एक महत्वपूर्ण स्टेशन बन चुका है। बावजूद इसके, यहां यात्रियों के लिए टिकट की व्यवस्था नहीं है। काउंटर जरूर बना हुआ है, लेकिन उसमें कोई टिकट जारी नहीं होता। स्थानीय लोगों का कहना है कि या तो उन्हें बिना टिकट यात्रा करनी पड़ती है, या पास के अन्य स्टेशनों से टिकट लेने जाना पड़ता है, जिससे समय और संसाधनों की बर्बादी होती है।

यात्री अंकित कुमार सिंह, जो छात्र हैं और रोजाना छपरा से पटना पढ़ाई के लिए यात्रा करते हैं, ने बताया कि कई बार टिकट नहीं होने के कारण टीटीई द्वारा फाइन किया जाता है या जेल भेजा जाता है। “हमने डीआरएम को भी टिकट सुविधा शुरू कराने के लिए आवेदन दिया है, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है,” उन्होंने कहा।
छात्रों और अन्य दैनिक यात्रियों के लिए यह समस्या दिन-प्रतिदिन गंभीर होती जा रही है। लोग यह सवाल उठाने लगे हैं कि जब स्टेशन पर ट्रेनें रुकती हैं और यात्रियों का भारी दबाव है, तो फिर टिकट की सुविधा क्यों नहीं दी जा रही?
स्टेशन पर मौजूद रेलकर्मियों ने कैमरे के पीछे बताया कि “ऊपरी अधिकारियों से अभी तक टिकट जारी करने की अनुमति नहीं मिली है। जैसे ही आदेश आएगा, टिकट की सुविधा शुरू कर दी जाएगी।” मगर यह अस्थायी जवाब यात्रियों को संतोष नहीं दे रहा।
रेलवे की यह उदासीनता कहीं न कहीं यात्रियों की सुरक्षा और उनके अधिकारों पर भी सवाल खड़ा करती है। बिना टिकट यात्रा करना खुद कानूनन गलत है, लेकिन जब विकल्प ही न दिया जाए, तो जिम्मेदारी किसकी बनती है?
स्थानीय प्रशासन और रेलवे से मांग
अब स्थानीय लोगों की मांग है कि जल्द से जल्द मांझी स्टेशन पर टिकट वितरण की सुविधा बहाल की जाए, ताकि हजारों यात्रियों को राहत मिल सके। यह सिर्फ एक टिकट की बात नहीं है, बल्कि यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और सम्मान का सवाल बन चुका है।
रेल प्रशासन को चाहिए कि वह इस गंभीर समस्या का संज्ञान ले और मांझी जैसे व्यस्त स्टेशन पर टिकटिंग सुविधा अनिवार्य रूप से चालू करे।