Shani Gochar in Uttara Bhadrapada Nakshatra: 28 अप्रैल 2025 को सायं 6:05 बजे, न्याय के प्रतीक और कर्मफलदाता शनिदेव 27 वर्षों के बाद एक बार फिर अपने ही नक्षत्र उत्तराभद्रपद में गोचर करने जा रहे हैं। यह खगोलीय संयोग न केवल ज्योतिषीय दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि चार राशियों के जीवन में बड़ा बदलाव लाने वाला है। इस बार शनिदेव मीन राशि में स्थित रहते हुए इस विशेष नक्षत्र में प्रवेश करेंगे और 3 अक्टूबर 2025 तक वहीं निवास करेंगे।
यह गोचर विशेष रूप से वृषभ, मिथुन, कन्या और कुंभ राशि के लिए अत्यंत शुभ माना जा रहा है। जानिए इस दुर्लभ नक्षत्र परिवर्तन का आपके जीवन पर क्या असर पड़ेगा।

‘न्यायप्रिय नक्षत्र’ में शनि गोचर: क्या कहते हैं संकेत?
उत्तराभद्रपद नक्षत्र को जल तत्व का प्रतिनिधि और मानसिक व आध्यात्मिक उन्नति का सूचक माना जाता है। इसका शासक ग्रह स्वयं शनि होने के कारण जब शनि इस नक्षत्र में प्रवेश करते हैं, तो उनका प्रभाव दोगुना शक्तिशाली और प्रभावशाली हो जाता है। यह गोचर न केवल कर्मों का सटीक फल देगा, बल्कि लंबे समय से रुके हुए कार्यों को गति भी देगा।
वृषभ राशि – लाभ और अनुशासन का दौर
वृषभ राशि के लिए शनि का यह गोचर ग्यारहवें भाव में होगा, जो आय और लाभ का कारक माना जाता है। इस दौरान आपको व्यावसायिक सौदों से फायदा, वरिष्ठों से सहयोग, और नई अवसरों की प्राप्ति होगी। जो लोग अपने खुद के व्यापार में हैं, उन्हें विशेष रूप से लाभ होगा, वहीं नौकरीपेशा लोगों को प्रमोशन और सराहना मिल सकती है।
मिथुन राशि – करियर में प्रगति और भाग्य का साथ
मिथुन राशि वालों के लिए यह गोचर दसवें भाव में हो रहा है, जो कर्म स्थान माना जाता है। इस स्थिति में करियर में प्रगति की प्रबल संभावनाएं हैं। ऑफिस में प्रदर्शन शानदार रहेगा और वरिष्ठों से प्रशंसा मिलेगी। साथ ही, भाग्य साथ देगा और किसी अधूरे प्रोजेक्ट में सफलता मिल सकती है।
कन्या राशि – सामाजिक प्रतिष्ठा और पारिवारिक सुख
कन्या राशि के लिए यह गोचर बहुत शुभ रहेगा। कार्यस्थल पर आपकी मेहनत रंग लाएगी और आप समाज में एक सम्मानित व्यक्ति के रूप में जाने जाएंगे। अगर आप प्रॉपर्टी या घर खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो इस अवधि में वह सफल हो सकती है। पारिवारिक वातावरण भी सुखद रहेगा।
कुंभ राशि – नई ऊंचाइयों की ओर अग्रसर
कुंभ राशि पर शनि का यह गोचर एक नई दिशा की ओर संकेत करता है। शनि इस राशि के स्वामी भी हैं, जिससे प्रभाव और गहराता है। नौकरी हो या व्यवसाय, दोनों में सफलता मिलने की संभावना है। नई योजनाएं बनेंगी, पुराने विवाद सुलझेंगे और आपकी आर्थिक स्थिति में मजबूती आएगी। वाहन व संपत्ति की प्राप्ति का योग भी प्रबल है।
क्या करें शनि को प्रसन्न करने के लिए?
- प्रतिदिन शनि बीज मंत्र – “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” – का जाप करें।
- शनिवार को कुत्तों और कौवों को भोजन कराना शुभ माना जाता है।
- जरूरतमंदों को काले वस्त्र, तिल और लोहे का दान करें।
शनि का यह गोचर क्यों है विशेष?
27 वर्षों बाद शनिदेव का अपने ही नक्षत्र में आगमन एक दुर्लभ ज्योतिषीय घटना है। यह न केवल कर्मों का न्यायपूर्ण फल देगा, बल्कि कई लोगों के जीवन में मानसिक शांति, आध्यात्मिक उन्नति और सामाजिक प्रतिष्ठा लाएगा।
यह समय है स्वयं पर विश्वास रखने का, सही दिशा में मेहनत करने का और शनिदेव की कृपा से अपने जीवन को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने का।